Tuesday 8 December 2009

माँ

रोशनी कहा जा रही हो बेटा? पूछते हुए सुमन ने रोका। वो... माँ मै तो निधि की बर्थडे पार्टी में जा रही हू। पर बेटा....इतनी रात को ...किसके साथ, कब लोटोगी? Mom, please stop investigating like CBI....I am not a 2 year old kid now, you better grow up। पैर पटकते हुए कह कर रोशनी घर से बाहर चली गई। सुमन ने देखा की कोई लड़का आया था उसको लेने। जल्दी आ जाना...जाते हुए रोशनी को माँ की आवाज सुनाई दी।

अपनी 16 साल की बेटी का ये रूप देखकर, सुमन सोचने लगी कल ही की तो बात लगती है जब रोशनी मेरी ऊगली पकड़ कर चलना सीखी थी ...आज वो इतनी बड़ी हो गई की मुझे grow up होने को कहा रही है। वक़्त पंख लगा कर उड़ रहा था ....माँ, बेटी में दुरिया बढ रही थी...रोशनी इसको " Genration gap " का नाम देती थी.

देखते ही देखते रोशनी की शादी होने जा रही थी... अच्छा घर, वर...सुमन तो बहुत खुश थी उस दिन .....पर कही डरती भी थी की उसकी प्यारी बिटिया कैसे सुब में adjust करेगी। रोशनी को हिदायत देते हुए सुमन ने कहा बेटा अपने ससुराल में सब का आदर करना, प्यार देना ओर सब में adjust करलेना बेटा। रोशनी जो अभी भी अपने make-up को final touch दे रही थी बोल पड़ी ....Mom, please you dont take tension about me...I will manage everything, after all I am well educated and beatuiful girl, they have to accept me.... कहते हुए रोशनी अपने मके-उप को ठीक करने में लग गयी। सुमन कुछ और कहती इस से पहले वो बोल पड़ी अब में नही बोलूगी मेरा make-up ख़राब हो जायगा।

सुमन सोचती रही कैसे इसको बताऊ की education और beauty वो मायने नही रखती जो आपसी समझ और आतंरिक सोन्दर्य रखता है .... रोशनी को विदा हुए पुरा 1 साल हो गया था, पर अभी भी नही बदली थी वो...वही तेवर, अंदाज़ थे उसके। ससुराल में भी कोई कुछ कहता तो जवाब देती की वो सब जानती है। जब उसकी सास सुमन को फ़ोन पर बताती तो उसकी चिंता में डूब जाती सुमन ...अब तो तबियत भी ठीक कहा रहती थी उसकी।

एक दिन रोशनी का फ़ोन था की mom, you are going to be granny .... क्या मै नानी बनने वाली हू। सुमन ने रोशनी को खूब ध्यान रखने को कहा और पहली बार पाया की रोशनी ने पलट कर कुछ नही कहा ....शायद बड़ी हो रही है, यही सोचा सुमन ने।

उधर रोशनी जब से माँ बनी थी तब से अपने unborn का ख्याल रहता था उसको। सोचती थी कैसा होगा? क्या करेगा? कैसे करेगा? मै तो उसको ये नही करने दूंगी ....अगर girl child हुआ तो late night parties no ways, boyfriends not allowed.... सोचते हुए उसको अपनी सोच पर विश्वास नही हुआ, ये क्या हो गया मुझको मै तो एकदम माँ की तरह बोलने लगी... क्या हर माँ इसी तरह सोचती है, क्या उसको अपने बच्चे का इसी तरह ख्याल रहता है ...शायद हम भूल जाते है माँ क्या होती है, पर माँ कभी नही भूलती की बच्चे क्या होते है ...वो तो हमेशा हमको परेशानी से दूर रखती है ...... तो क्या मै आज तक अपनी माँ को नही समझ पाई थी....बस आज मै माँ से माफ़ी माग लुंगी और मुझको पता है वो मुझको माफ़ कर देंगी।

अपनी कार निकल कर वो माँ से मिलने जा रही थी की मोबाइल की घंटी खनखना उठी...फ़ोन पर उसकी भुआ की आवाज थी " बेटा, तुम्हारी माँ हमसब को छोड़ कर चली गई " ....रोशनी की रुलाई फुट पड़ी बोली माँ कमसेकम मुझको बेटी बनने कर म़ोका तो देती......

1 comment:

  1. Wah!!!! Khoob. Thode se me bahut Kuch likh diya tumne. Badhai.पर माँ कभी नही भूलती की बच्चे क्या होते है ...
    bahut marmik aur katusatya.

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