
आखों में हजारो सपने लिए, होता है चलने को तैयार।
तब यही सोचता है, कब होगा ये रास्ता पार....
कब मिलेगी मंजिल, कब खत्म होगा इन्तजार।
रास्ता जो अन्जाना, अनदेखा और अनंत तक जा रहा है...
जो हमको कभी डरता, घबराता तो कभी ख़ुशी देता है।
यही सिखाता है की, मन को विचलित मत करो चलते रहो ...
क्योकि चलना ही जिन्दगी है, यही अंतरिम सत्य है।
रास्ते जो कभी हमको निराश और हताश करेगा...
पर रास्ता होगा तो ही तो मंजिल मिलेगी।
फिर भी अन्जाना भय सताता हो तो अपने मन को कह
"All is well"
तो भुल जा रास्ते की परेशानी और बढ़ चल, बढ़ चल...
मंजिल पाने की ख़ुशी की अनुभूति ही रास्ते का सारा दर्द मिटा देगी।
अब देर न कर, चल उठ और चलता चल मंजिल की तरफ
चलता चल क्योकि चलना ही जिन्दगी है.............
फिर भी अन्जाना भय सताता हो तो अपने मन को कह
ReplyDelete"All is well"
Great
बिल्कुल ! चलना ही है रास्ता और मंजिल दोनों ।
ReplyDeleteहर मंजिल एक आगे एक और मंजिल है ।
बल्कि यह कहना ठीक होगा कि
रास्ता भी बना है छोटी छोटी मंजिलों से मिलकर
क्योंकि जीवन "होना" है । बिकमिंग ।
सुंदर अभिव्यक्ति । हिंदी ब्लॉगिंग में आपका स्वागत है ।
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी टिप्पणियां दें
कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये
वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना
और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये
achi seekh deti rachana
ReplyDeleteacha laga padna
aal is well......gerat job dost keep going...!!
ReplyDeleteJai Ho Mangalmay HO
nice likhte ho ..
ReplyDeleteese hi likhte raho ....
swagt hai lekhan ki duniya me
hume bhi pade or utsahan badaye
http://mastano-ka-mehkma.blogspot.com
बहुत सुन्दर भाव अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteapki rachana achi hai.apne salumber ka nam
ReplyDeleteuncha kiya iske liye thanks,
ramesh kachoria
salumber